कलयुग की काली : Kalyug Ki Kali

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Description

एक लाश के साथ बलात्कार हुआ और इस लाश ने सड़कें खून से लाल कर दीं—खून से इतिहास लिखा, जिसका नाम ‘कलयुग की काली’।

Kalyug Ki kali

Shehenshah

 

कलयुग की काली

शहंशाह

रवि पॉकेट बुक्स

 

प्रस्तुत उपन्यास के सभी पात्र एवं घटनायें काल्पनिक हैं। किसी जीवित अथवा मृत व्यक्ति से इनका कतई कोई सम्बन्ध नहीं है। समानता संयोग से हो सकती है। उपन्यास का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है। प्रस्तुत उपन्यास में दिए गए हिंसक दृश्योंधूम्रपानमधपान अथवा किसी अन्य मादक पदार्थों के सेवन का प्रकाशक या लेखक कत्तई समर्थन नहीं करते। इस प्रकार के दृश्य पाठकों को इन कृत्यों को प्रेरित करने के लिए नहीं बल्कि कथानक को वास्तविक रूप में दर्शाने के लिए दिए गए हैं।  पाठकों से अनुरोध है की इन कृत्यों वे दुर्व्यसनों को दूर ही रखें। यह उपन्यास मात्र 18 + की आयु के लिए ही प्रकाशित किया गया है। उपन्यासब आगे पड़ने से पाठक अपनी सहमति दर्ज कर रहा है की वह 18 + है।

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Additional information

Book Title

कलयुग की काली : Kalyug Ki Kali

Isbn No

No of Pages

304

Country Of Orign

India

Year of Publication

2001

Language

Genres

Author

Age

Publisher Name

Ravi Pocket Books

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