Aatma Ki Cheekh : आत्मा की चीख (भाग–3)

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Description

आत्मा की वापसी! (प्रथम भाग) की इस कहानी की शुरूआत एक प्रतिमा से होती है जिसने चुराने के लिये संसार के प्रसिद्ध चोर वीरानगढ़ पहुंचते हैं। तूफानी रात में संग्रहालय से प्रतिमा को चुराने का प्रयास जारी होता है मगर रहस्यमय प्रतिमा को चुराने वाला हर व्यक्ति या तो प्रतिमा का गुलाम बन जाता है या खत्म हो जाता है। फिर वीरानगढ़ पर आत्माओं का आंतक छा जाता है और इस स्टेट के वंशजों के शत्रुओं की आत्मायें रंगमहल (प्रेतमहल) पर कब्जा जमा लेती हैं। वीरानगढ़ में खून की वर्षा होती है और पूरा नगर खाली हो जाता है। कर्नल विनोद के पूर्व जन्म की घटनायें एक बार फिर सामने आती हैं। जासूसों का पूरा दल वीरानगढ़ की उन शैतानी आत्माओं का रहस्य जानने के लिये मैदान में कूद पड़ता है। अंतिम मुठभेड़ प्रेतमहल में होती है, जहां से रमन और जौहर एक सुरंग द्वारा भाग कर राणा संग्राम सिंह की हवेली में जा पहुंचते हैं और यहां से जीवित निकलने वाला केवल रमन होता है। कहानी में प्रिंसेज जिंगारा (सिंघराज की एक राजकुमारी) का खतरनाक रोल सचमुच खौफनाक सीमा तक है। वह अपने हंटरों से इंसानों को कंकाल बनाना चाहती है, उन इंसानों को जो भारत के जांबाज जासूस थे, जो किसी काल में सिंघराज की यात्रा कर चुके थे।

जासूसों की खोज भी निराली होती है—एक तरफ आत्माओं का चक्कर, दूसरी तरफ बर्फीली पहाड़ी में मोंगा घाटी का खौफनाक अड्डा, जहां एक वैज्ञानिक के जरिये जिंगारा इंसानों पर विचित्र आविष्कार करना चाहती है—आखिर क्यों....और क्या वह कामयाब हो पाती है?

बर्फ की पहाड़ी में छिपे अड्डे में रंजीत कैद हो जाता है—रमन फंस जाता है, मगर अन्त में इस पहाड़ी पर बर्फ के तूफानों का प्रलय होता है—पहाड़ियां टूट पड़ती हैं और उसमें गुम हो जाते हैं—जौहर, रंजीत, रमन, अमर और ब्लाण्डी। फ्रेंटाशिया का अद्भुत रोल भी सामने आता है।

 

अब प्रस्तुत है आत्मा सीरीज का –आत्मा की चीख,

जिसमें राजेश के दल के अलावा मेकफ–कासिम भी दिलचस्पी का साधन जुटाये हैं।

आत्मा सीरीज़

आत्मा की वापसी (भाग–1)

रंजीत और खूनी आत्मा (भाग–2)

आत्मा की चीख (भाग–3)

खातून की आत्मा (भाग–4)

प्रस्तुत उपन्यास के सभी पात्र एवं घटनायें काल्पनिक हैं। किसी जीवित अथवा मृत व्यक्ति से इनका कतई कोई सम्बन्ध नहीं है। समानता संयोग से हो सकती है। उपन्यास का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है। प्रस्तुत उपन्यास में दिए गए हिंसक दृश्योंधूम्रपानमधपान अथवा किसी अन्य मादक पदार्थों के सेवन का प्रकाशक या लेखक कत्तई समर्थन नहीं करते। इस प्रकार के दृश्य पाठकों को इन कृत्यों को प्रेरित करने के लिए नहीं बल्कि कथानक को वास्तविक रूप में दर्शाने के लिए दिए गए हैं।  पाठकों से अनुरोध है की इन कृत्यों वे दुर्व्यसनों को दूर ही रखें। यह उपन्यास मात्र 18 + की आयु के लिए ही प्रकाशित किया गया है। उपन्यासब आगे पड़ने से पाठक अपनी सहमति दर्ज कर रहा है की वह 18 + है।

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Additional information

Book Title

Aatma Ki Cheekh : आत्मा की चीख (भाग–3)

Isbn No

No of Pages

160

Country Of Orign

India

Year of Publication

2021

Language

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Publisher Name

Ravi Pocket Books

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