मुर्दे भी बोलते हैं : Murde Bhi Bolte Hain by Sunil Prabhakar

Ebook 48 Free Preview

100 48

Book is Available in our Monthly subscription
Wishlist
Wishlist
SKU: BMHP-224 Genres: |

Description

शहर के तीन डॉन आपस में लड़कर शहर के अण्डरवर्ल्ड पर कब्जा जमाने की जद्दोजहद में थे मगर वो नहीं जानते थे कोई उनका भी बाप था जो पहले ही पर्दे के पीछे से शहर पर राज कर रहा था।

अजीब हालात थे शहर के कि पुलिस डिपार्टमेन्ट, सीबीआई भी क्राइम को काबू नहीं कर पा रही थी। उसके अभियान में दलीप शाण्डिल्य और बबूना जैसे धुरन्धर भी आकर जुड़े तो मुर्दे भी कफन फाड़कर बाहर आने लगे।

Ist Part मुर्दे भी बोलते हैं

IInd Part मौत से बचना मुश्किल है

 

मुर्दे भी बोलते हैं : Murde Bhi Bolte Hain

Sunil Prabhakar सुनील प्रभाक

Ravi Pocket Books

BookMadaari

 

प्रस्तुत उपन्यास के सभी पात्र एवं घटनायें काल्पनिक हैं। किसी जीवित अथवा मृत व्यक्ति से इनका कतई कोई सम्बन्ध नहीं है। समानता संयोग से हो सकती है। उपन्यास का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है। प्रस्तुत उपन्यास में दिए गए हिंसक दृश्योंधूम्रपानमधपान अथवा किसी अन्य मादक पदार्थों के सेवन का प्रकाशक या लेखक कत्तई समर्थन नहीं करते। इस प्रकार के दृश्य पाठकों को इन कृत्यों को प्रेरित करने के लिए नहीं बल्कि कथानक को वास्तविक रूप में दर्शाने के लिए दिए गए हैं।  पाठकों से अनुरोध है की इन कृत्यों वे दुर्व्यसनों को दूर ही रखें। यह उपन्यास मात्र 18 + की आयु के लिए ही प्रकाशित किया गया है। उपन्यासब आगे पड़ने से पाठक अपनी सहमति दर्ज कर रहा है की वह 18 + है।

Free Preview

1 review for Simple Product 007

  1. admin

    Aliquam fringilla euismod risus ac bibendum. Sed sit amet sem varius ante feugiat lacinia. Nunc ipsum nulla, vulputate ut venenatis vitae, malesuada ut mi. Quisque iaculis, dui congue placerat pretium, augue erat accumsan lacus

Additional information

Book Title

मुर्दे भी बोलते हैं : Murde Bhi Bolte Hain by Sunil Prabhakar

Isbn No

No of Pages

256

Country Of Orign

India

Year of Publication

Language

Genres

Author

Age

Publisher Name

Ravi Pocket Books

Quick Navigation