कटार : Ktar by Anil Saluja

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Description

लौहगढ़!

देश की राजधानी दिल्ली से पांच सौ किलोमीटर दूर...पहाड़ियों की हरी-भरी गोद में बसा एक शांत और छोटा-सा शहर...जहां के नागरिक अमन और शांति पसंद थे...पर न जाने कैसे राहू-केतु का ग्रहण लग गया शहर को...कि देखते-देखते हर तरफ मौत का-सा खौफ फैल गया...लोगों के चेहरे पीले पड़ गए और जैसे सांसें लेना दुर्भर हो गया। दौलत और ताकत जमा करने के जोश में नेताओं, पुलिस और गुण्डों-बदमाशों की तिगड़ी ने मौत का ऐसा तांडव किया कि जनता त्राहि-त्राहि कर उठी लेकिन रणचण्डी का रुप धरकर आपके सपनों की रानी उर्फ मां भारती की उद्दंड लोरेन वारन की रक्षक रीमा राठौर जब अपने रंग में...अपने जलाल पर आयी तो गुण्डों-बदमाशों को छुपने के लिए कहीं जगह न मिली।

 

कटार : Ktar

Anil Saluja

प्रस्तुत उपन्यास के सभी पात्र एवं घटनायें काल्पनिक हैं। किसी जीवित अथवा मृत व्यक्ति से इनका कतई कोई सम्बन्ध नहीं है। समानता संयोग से हो सकती है। उपन्यास का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है। प्रस्तुत उपन्यास में दिए गए हिंसक दृश्योंधूम्रपानमधपान अथवा किसी अन्य मादक पदार्थों के सेवन का प्रकाशक या लेखक कत्तई समर्थन नहीं करते। इस प्रकार के दृश्य पाठकों को इन कृत्यों को प्रेरित करने के लिए नहीं बल्कि कथानक को वास्तविक रूप में दर्शाने के लिए दिए गए हैं।  पाठकों से अनुरोध है की इन कृत्यों वे दुर्व्यसनों को दूर ही रखें। यह उपन्यास मात्र 18 + की आयु के लिए ही प्रकाशित किया गया है। उपन्यासब आगे पड़ने से पाठक अपनी सहमति दर्ज कर रहा है की वह 18 + है।

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Additional information

Book Title

कटार : Ktar by Anil Saluja

Isbn No

No of Pages

238

Country Of Orign

India

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Ravi Pocket Books

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