हरामी : Harami by Dinesh Thakur

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Description

विजय चौहान ने गोवा के पंजिम शहर में अंडरवर्ल्ड डॉन प्रभात सिन्हा के जाल में फंसकर जो खेल खेला था, उसे उसमें करोड़ों के मिलने का पूरा विश्वास था। पचास करोड़ डॉलर के हीरे पाने के लिए उसने बेतहाशा खून बहाया था। मुजरिमों के अलावा कई कानून के रखवालों की लाशें बिछाई थीं।

पचास करोड़ डॉलर के हीरे उसके हाथ में आ भी गए थे, मगर नतीजा वही हुआ, जो हमेशा होता आया था। ऐन वक्त पर पुलिस आ धमकी थी और उसे अपनी जान बचाकर भागना पड़ा,

 

विजय चौहान सीरीज का नया जलजला

हरामी

दिनेश ठाकुर

 

आज लोकप्रियता की होड़ में 'दिनेश ठाकुर' की जादुई कलम से निकली 'विजय चौहान' सीरीज भी किसी से कम नहीं है। प्रमाण के लिए प्रस्तुत नया उपन्यास पढ़ कर देख लें।

 

हरामी : Harami

Dinesh Thakur

 

प्रस्तुत उपन्यास के सभी पात्र एवं घटनायें काल्पनिक हैं। किसी जीवित अथवा मृत व्यक्ति से इनका कतई कोई सम्बन्ध नहीं है। समानता संयोग से हो सकती है। उपन्यास का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है। प्रस्तुत उपन्यास में दिए गए हिंसक दृश्योंधूम्रपानमधपान अथवा किसी अन्य मादक पदार्थों के सेवन का प्रकाशक या लेखक कत्तई समर्थन नहीं करते। इस प्रकार के दृश्य पाठकों को इन कृत्यों को प्रेरित करने के लिए नहीं बल्कि कथानक को वास्तविक रूप में दर्शाने के लिए दिए गए हैं।  पाठकों से अनुरोध है की इन कृत्यों वे दुर्व्यसनों को दूर ही रखें। यह उपन्यास मात्र 18 + की आयु के लिए ही प्रकाशित किया गया है। उपन्यासब आगे पड़ने से पाठक अपनी सहमति दर्ज कर रहा है की वह 18 + है।

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Additional information

Book Title

हरामी : Harami by Dinesh Thakur

Isbn No

No of Pages

326

Country Of Orign

India

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Ravi Pocket Books

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